The Greatest Guide To पारद शिवलिंग कहा मिलता है

- तीर्थ जल से अभिषेक करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है।

यह घर के वातावरण को सुखमय और समृद्ध बनाता है।

 इसकी पूजा से कुंडली में मौजूद सभी तरह के गृह दोष समाप्त हो जाते हैं।

पारद शिवलिंग को घर मे रखा जा सकता है ये आप किसी भी वजन और ऊंचाई का रख सकते है। 

पारद, जिसे पारा भी कहा जाता है, एक तरल धातु है। पारद शिवलिंग को अत्यंत शुभ माना जाता है। हिंदू धर्म में इसकी महिमा का वर्णन इस प्रकार है:

कुंडली में कमज़ोर चंद्रमा मानसिक परेशानियों का कारण बनता है। पारद शिवलिंग की पूजा करने से चंद्रमा को बल मिलता है।

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पारद शिवलिंग की पूजा से भगवान शिव अति प्रसन्न होते हैं। प्राचीन ग्रन्थों में पारद शिवलिंग की पूजा को सर्वोत्तम बताया गया है। पारद शिवलिंग के महत्व का वर्णन ब्रह्मपुराण, ब्रह्मवेवर्त पुराण, शिव पुराण, उपनिषद आदि ग्रंथों में किया गया है।

कोटा जंक्शन पर स्थित श्रीराम मंदिर में स्थापित है पारद शिवलिंग

जीवनार्थी तू पयसा श्रीकामीक्षुरसेन वै।

ऐसा माना जाता है कि पारद शिवलिंग की पूजा करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। 

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मोक्ष की प्राप्ति: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पारद शिवलिंग की नियमित पूजा मोक्ष की प्राप्ति में सहायक मानी जाती है।

देशभर में जो ज्योर्तिलिंग है वे सभी स्वंभू है परंतु पत्थर के शिवलिंग के अलावा शिवलिंग कई प्रकार और पदार्थ या धातु से बनाए जाते हैं। शिवपुराण अनुसार भगवान विष्णु ने पूरे जगत के सुख और कामनाओं की पूर्ति के लिए भगवान विश्वकर्मा को अलग-अलग तरह के शिवलिंग बनाकर देवताओं को पारद शिवलिंग प्राइस देने की आज्ञा दी थी। विश्वकर्मा जी ने अलग-अलग पदार्थों, धातु व रत्नों से शिवलिंग बनाए थे। सभी शिवलिंग को पूजने या उचित स्थान पर रखने का महत्व और उद्देश्य अलग अलग है। पारद शिवलिंग देश में कई स्थानों पर विराजित हैं। इसे पारदेश्वर महादेव कहते हैं। आओ जानते हैं पारद शिवलिंग के बारे में संक्षिप्त जानकारी।

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